5 Simple Statements About hanuman chalisa Explained
5 Simple Statements About hanuman chalisa Explained
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[RamDoota=Lord Ram messenger; atulita=calculated; atilita=immeasurable; bala=electric power; dhama=abode; Anjani=of Anjana; putra=son; pavana=wind; suta=son; naama=title]
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
Hanuman, as well as other figures of your Ramayana, are a significant supply of plays and dance theatre repertoire at Odalan celebrations together with other festivals in Bali.[139]
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥ जो सत बार पाठ कर कोई ।
All troubles cease with the a person who remembers the strong lord, Lord Hanuman and all his pains also come to an end.
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज ने श्री विभीषण जी को शरणागत होने का मन्त्र दिया था, जिसके फलस्वरूप वे लंका के राजा हो गये।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥५॥ सङ्कर सुवन केसरीनन्दन ।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जितः॥
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥३४॥ और देवता चित्त न धरई ।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
व्याख्या – श्री हनुमान जी से अष्टसिद्धि और नवनिधि के अतिरिक्त मोक्ष या भक्ति भी प्राप्त की जा सकती है। इस कारण इस मानव जीवन की अल्पायु में बहुत जगह न भटकने की बात कही गयी है। ऐसा दिशा–निर्देश किया गया है जहाँ से चारों पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) प्राप्त किये जा सकते हैं।
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व्याख्या – श्री हनुमान चालीसा में श्री हनुमान जी की स्तुति करने के बाद इस चौपाई में श्री तुलसीदास जी ने click here उनसे अन्तिम वरदान माँग लिया है कि हे हनुमान जी! आप मेरे हृदय में सदैव निवास करें।